सरकारी नौकरी योग होने पर जब सरकारी नौकरी योग बहुत बलवान होते है तब सरकारी नौकरी के मिलने के रास्ते स्वयंम मिल जाते है।
🔸जबकि जब सरकारी नौकरी मिलने के योग हो तब सरकारी नौकरी मिलने में कुछ रूकावटें आती है और किस क्षेत्र में सरकारी नौकरी है केवल उसी क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करने पर सरकारी नौकरी जरूर मिल जाएगी।
अब जब सरकारी नौकरी योग हो लेकिन बहुत ज्यादा बलवान न हो तब सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कई क्षेत्रों में करने पर या किसी ऐसे क्षेत्र में करने पर जिस सरकारी क्षेत्र में सफलता के योग ही नही है तब सरकारी नौकरी मिलने में दिक्कते ही होती रहती है और बार बार सरकारी नौकरी मिलने में असफलता मिलती है जबकि जिस क्षेत्र में सरकारी नौकरी सफलता योग हैं यदि उस क्षेत्र में प्रयास किया जाएगा तो निश्चित ही सरकारी नौकरी मिल जाएगी।।
👉जैसे सरकारी नोकरी में योग है IAS अधिकारी बनने के लेकिन प्रयास कर रहे है IPS अधिकारी बनने के तो यहाँ ऐसी स्थिति में बार बार दिक्कत आएगी, जिस विभाग/क्षेत्र में सरकारी नौकरी है उसी क्षेत्र में सरकारी नौकरी प्रयास करने पर सरकारी नौकरी में चयन होकर सफलता मिल जाएगी।
👉सरकारी नौकरी ग्रह सूर्य मंगल गुरु होते है साथ ही कुंडली का दसवाँ भाव सरकारी नौकरी का है।जब दसवे भाव और उपरोक्त ग्रहों का सहयोग बलवान दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी को मिलता है तब सरकारी नौकरी में सफलता मिल जाएगी।
👉किस क्षेत्र में सरकारी नौकरी मिल सकती है❓ किस क्षेत्र में मिलेगी सरकरी नौकरी इसे समझें👇🏼👇🏼
👉मेष लग्न जन्मपत्रिका में दसवे भाव मे(कैरियर/नौकरी भाव)मे मंगल अपनी उच्च राशि मकर में तीसरे भाव स्वामी बुध के साथ बैठा हो साथ ही मंगल बुध के सूर्य भी बैठ जाये तब यहाँ जातक/जातिक आईपीएस अधिकारी बन जायेंगे या बड़े स्तर पर शिक्षक भी जाएंगे, क्योंकि तीसरा भाव आईपीएस और 5वा भाव शिक्षक का होता है जिसके स्वामी सूर्य बुध मंगल के साथ दसवे भाव मे बैठे है लेकिन व्यक्ति यहाँ आईपीएस की जगह आईएएस का प्रयास करे तब बार वर असफलता मिलेगी क्योंकि आईएएस के योग ही नही है।।
👉 जन्मकुंडली में सिंह लग्न के दसवे भाव का स्वामी शुक्र बनता है अब शुक्र के साथ यहाँ नवे भाव स्वामी मंगल बैठ जाए और लग्नेश सूर्य भी साथ आकर बैठ जाये तब यहाँ जातक/जातिका को सरकारी वकील/ जज बनने पर सफलता मिलेगी, क्योंकि यहाँ दसवे भाव मे दशमेश शुक्र के साथ नवे भाव स्वामी मंगल बैठा है जो कि नवां भाव जज/न्यायालय से सम्बंधित है, अब ऐसे जातक/जातिका किसी ऐसे सरकारी क्षेत्र में प्रयास करे जिस क्षेत्र में सफलता ही नही है तब बार बार नौकरी मिलने में विघ्न आते रहेंगे।।
👉जन्मकुंडली में कन्या लग्न के दसवे भाव का स्वामी बुध बनता है जबकि सूर्य यहाँ 12वे भाव(विदेश/बाहरी स्थान) का कारक ग्रह है अब दशमेश बुध के साथ कन्या लग्न में यहाँ 12वे भाव का स्वामी सूर्य बैठा हो तब जन्मस्थान से दूर जाकर ही सरकारी नौकरी मिलेगी और सरकारी नौकरी मिलने में सफलता मिलेगी, जबकि ऐसे जातक/जातिका केवल अपने जन्म स्थान में रहकर ही सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करते रहे तब सरकारी नौकरी मिलने और आगे बढ़ने में विघ्न बने रहेंगे।। इस तरह से जिस क्षेत्र में सरकारी नौकरी योग है उसी क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए आगे बढ़ने पर सफलता मिलेगी जबकि विपरीत क्षेत्र में प्रयास करने पर असफलता और समय की बर्बादी होगी, अब किस क्षेत्र में सरकारी नौकरी मिल सकती है यह सब जातक/जातिका की कुंडली पर निर्भर करेगा।।
🙇#जयश्रीसीताराम🙇