मत कर माया का अहंकार , मत कर काया का अभिमानकाया गार से काची, हो काया गार से काची.. रे जैसे ओस रा मोती, मत कर माया का अहंकार , मत कर काया का अभिमानकाया गार से काची,झोंका पवन का लग जाये, झपका पवन का लग जाएकाया धूल हो जासी , हो काया धूल हो जासीरे जैसे ओस रा मोती,ऐसा सख्त था महाराज, जिनका मुल्कों में था राजजिन घर झूलता हाथी, हो जिन घर झूलता हाथी,रे जैसे ओस रा मोतीभरया सिन्दड़ा में तेल, जहाँ रचयो है सब खेलजल रही दिया की बाती, हो जल रही दिया की बाती,रे जैसे ओस रा मोतीखूट गया सिन्दड़ा रो तेल , बिखर गया सब निज खेलबुझ गई दिया की बाती, हो बुझ गया दिया का बाती,रे जैसे ओस रा मोतीझूठा माई थारो बाप, झूठा सकल परिवारझूठी कूंटता छाती,हो झूठी कूंटता छाती,रे जैसे ओस रा मोतीबोल्या भवानी हो नाथ, गुरूजी ने सिर पर धरया हाथजिनसे मुक्ति हो जासी, हो जिनसे मुक्ति हो जासी,रे जैसे ओस रा मोतीमत कर माया का अहंकार , मत कर काया का अभिमानकाया गार से काची, हो काया गार से काची..रे जैसे ओस रा मोती, जैसे ओस रा मोती