मेरी बगिया की तुलसी ना तोड़ पुजारी,
पत्ते पत्ते पे बैठे है बांके बिहारी……
बगिया घुमन को गणपत जी आए,
संग में रिद्धि सिद्धि को लाए……
रिद्धि सिद्धि को देख कर,झुक गई डाली,
पत्ते पत्ते पे बैठे है बांके बिहारी…..
मेरी बगिया की तुलसी ना तोड़ो पुजारी,
पत्ते पत्ते पे बैठे है बांके बिहारी……
बगिया घुमन को ब्रह्मा जी आए,
संग अपनी सरस्वती जी को लाए,
सरस्वती जी को देख झुक गई डाली,
पत्ते पत्ते पे बैठे है बांके बिहारी…….
मेरी बगिया की तुलसी ना तोड़ो पुजारी,
पत्ते पत्ते पे बैठे है बांके बिहारी…….
बगिया घुमन को राम जी भी आए,
राम जी आए संग सीता जी को लाए,
सीता मैय्या को देख झुक गई डाली…..
पत्ते पत्ते पे बैठे है बांके बिहारी,
मेरी बगिया की तुलसी ना तोड़ो पुजारी,
पत्ते पत्ते पे बैठे है बांके बिहारी…..