Description
गीता-साधक-संजीवनी—ब्रह्म लीन श्रद्धेय स्वामी श्रीरामसुखदासजी महाराजने गीतोक्त जीवनकी प्रयोगशालासे दीर्घकालीन अनुसन्धानद्वारा अनन्त रत्नोंका प्रकाश इस टीकामें उतार कर लोककल्याणार्थ प्रस्तुत किया है, जिससे आत्मकल्याणकामी साधक साधनाके चरमोत्कर्षको आसानीसे प्राप्त कर आत्मलाभ कर सकें। इस टीकामें स्वामीजीकी व्याख्या विद्वत्ता-प्रदर्शनकी न होकर सहज करुणासे साधकोंके लिये कल्याणकारी है। विविध आकार-प्रकार, भाषा, आकर्षक साज-सज्जामें उपलब्ध यह टीका सद्गुरुकी तरह सच्ची मार्गदॢशका है।
Reviews
There are no reviews yet.